जानिए Pregnancy Me Kamar Dard के 5 कारण और 5 उपचार

Pregnancy Me Kamar Dard से जुड़ी 10 बातें, कारण और उपचार

ज्यादातर महिलाएं प्रेगनेंसी में कमर दर्द (Pregnancy Me Kamar Dard) की समस्या से जूझती है। गर्भावस्था में पेट व कमर दर्द होना एक आम बात है। ज्यादातर महिलाओं को महिलाओं को यह परेशानी गर्भावस्था के 3 महीने पूरे होने के बाद होती है। अगर आपको प्रेगनेंसी में कमर दर्द होता है तो इसमें घबराने की कोई बात नहीं है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें गर्भवती महिलाओं को कमर व पीठ में दर्द होता है। हां अच्छी बात यह है कि आप कुछ घरेलू तरीकों से अपने कमर दर्द को कम कर सकती हैं।

ब्यूटी दुनिया का यह लेख 2 बातों पर फोकस करेगा-

  • महिलाओं में कमर दर्द के कारण
  • महिलाओं में कमर दर्द का घरेलू उपचार (सामान्य महिला और प्रेग्नेंट महिला में)

तो आइए इन सभी पॉइंटस को विस्तार से जानते हैं

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Table of Contents

महिलाओं के कमर दर्द के कारण | Kamar Dard In Pregnancy In Hindi

महिलाओं के कमर दर्द के कारण | Kamar Dard In Pregnancy In Hindi

महिलाओं को गर्भधारण करने और मासिक धर्म की प्रवृत्ति की वजह से काफी शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिसमें से एक है कमर और पीठ का दर्द। तो आइए जानते हैं महिलाओं में कमर दर्द के विभिन्न कारण के साथ प्रेगनेंसी में कमर दर्द क्यों होता है?

1. गर्भावस्था मे कमर दर्द | Pregnancy Me Kamar Dard

गर्भावस्था के दौरान कमर में दर्द होना आम बात है यह इसीलिए होता है क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान गुरुत्वाकर्षण का केंद्र बदल जाता है। आपकी हड्डियों और जोड़ अस्तिबंध यानी लिगामेंट नामक उत्तक से जुड़े होते हैं। गर्भावस्था के दौरान रिलैक्सिन नामक हार्मोन आपके अस्थिबंधों को शिथिल बना देता है। 10 से 14 हफ्ते की गर्भावस्था के बीच रिलैक्सीन हार्मोन अपने उच्च स्तर पर होता है। यही हार्मोन लिगामेंट्स को डिलीवरी की तैयारी के लिए रिलैक्स करने का काम करती है।

ज्यादातर महिलाओं को प्रेगनेंसी के शुरुआत में कमर दर्द य प्रेगनेंसी के तीसरे महीने के बाद से ही कमर में दर्द होने लगता है उसका कारण यही हार्मोन होते हैं। जैसे जैसे आपके बच्चे की ग्रोथ होती है और आपकी गर्भावस्था दूसरी तिमाही में प्रवेश करती है, महिलाओं में पेट का दर्द बढ़ता है, मांसपेशियों में खिंचाव होता है क्योंकि आपका बच्चा आपके गर्भाशय में अपनी ग्रोथ के हिसाब से जगह लेता है जिसका असर आपके शरीर की मांसपेशियों, हड्डियों और रीढ़ की हड्डि पर पड़ता है। और यही कुछ वजह है जिनकी वजह से कमर का दर्द, पीठ का दर्द और पेट के निचले हिस्से में दर्द (Pregnancy Me Pet Ke Nichle Hisse Me Dard) होता है।

और पढ़ें: 10 Pregnancy Symptoms In Hindi

2. महिलाओं में कमर दर्द का कारण प्रीमेंस्ट्रूअल सिंड्रोम पीएमएस

प्रीमेंस्ट्रूअल सिंड्रोम या पीएमएस एक ऐसी स्थिति होती है जो मासिक धर्म से पहले बहुत सी लड़कियों और महिलाओं को महसूस होती है। इसमें आपको सिर दर्द, थकान, पेट फूलना, मूड स्विंग, बेचैनी जैसे जैसे लक्षणों के अलावा एक और समस्या उभरकर सामने आती है वह कमर में तेज दर्द। पीएमएस आमतौर पर पीरियड्स से कुछ दिन पहले शुरू होता है और पीरियड शुरू होने के एक दो दिन बाद समाप्त होता है।

3. महिलाओं में कमर दर्द की समस्या डस्मैनोरिया के कारण

जब मासिक धर्म में कमर दर्द सामान्य से ज्यादा महसूस होता है तो इसे डिस्मैनोरिया कहते है। डिस्मैनोरिया की वजह से पेट के निचले हिस्से में, कूल्हों में और पैरों में दर्द महसूस होता है यह आमतौर पर 1 से 3 दिन तक रहता है। दर्द या तो हल्का फुल्का भी हो सकता है लेकिन बेहद तेज भी महसूस हो सकता है।

4. महिलाओं में कमर दर्द का कारण एंडोमेट्रियोसिस

एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें उत्तक जो कि गर्भाशय को लाइन करता है वह गर्भाशय के बाहर बढ़ता है। एंडोमेट्रियोसिस का सबसे कॉमन लक्षण है कमर के निचले हिस्से या पेल्विक के हिस्से में तेज दर्द, मासिक धर्म के दौरान पेशाब करते वक्त तेज दर्द महसूस होना।

5. महिलाओं में कमर दर्द स्पाइनल ओस्टियोंआरथराइटिस के कारण

फेसस जॉइंट यानी रीढ़ के जोड़ को कनेक्ट करने वाले जाइंट में टूट-फूट से जुड़ी अर्थराइटिस को ओस्टियोआर्थराइटिस कहते हैं और यह महिलाओं में ज्यादा कॉमन है। उम्र और वजन के बढ़ने के साथ इस समस्या में भी बढ़ोतरी होती है। ओस्टियोआर्थराइटिस के कारण कमर के ऊपरी हिस्से, रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से में दर्द, जांघ में तेज दर्द जैसी समस्याएं होती हैं।

महिलाओं में कमर दर्द का घरेलू उपचार

महिलाओं में कमर दर्द होना आम बात है। फिर चाहे हार्मोनल असंतुलन की वजह से हो, मासिक धर्म या फिर गर्भावस्था की वजह से। 30 वर्ष से ऊपर की महिलाओं में कैल्शियम व विटामिन डी की कमी की वजह से कमर दर्द होता है। महिलाओं में कमर दर्द के विभिन्न कारण है जो हम आपको उपरोक्त बता चुके हैं अब बात करते हैं महिलाओं में कमर दर्द का घरेलू उपचार के बारे में। इसमें हम कमर दर्द के घरेलू उपचारों को 2 तरीके से बता रहे हैं। एक सामान्य महिला के कमर दर्द का घरेलू उपचार और दूसरा गर्भवती महिला के कमर दर्द का घरेलू उपचार

सामान्य महिलाओं में कमर दर्द का घरेलू उपचार

अगर आप मासिक धर्म पीएमएस या मांसपेशियों में खिंचाव की वजह से कमर के दर्द से परेशान हैं तो आप निम्नलिखित घरेलू उपचार अपना सकती हैं।

1. हीटिंग पैड दूर करें महिलाओं में कमर दर्द

प्रभावित हिस्से पर हीटिंग पैड लगाकर आप ब्लड सरकुलेशन के संचार को बढ़ा सकते हैं। जिसके बदले में पोषक तत्व और ऑक्सीजन कमर की मांसपेशियों तक आसानी से पहुंचती है और आपको आराम मिलता है। अगर आपके पास हीटिंग पैड नहीं है तो आप इसकी जगह किसी बोतल में गर्म पानी भरकर इस्तेमाल कर सकती हैं।

2. महिलाओं के कमर दर्द में आराम पहुंचाए आइस पैक

अगर आपको किसी चोट या मांसपेशियों में खिंचाव की वजह से कमर दर्द महसूस होता है तो आप आइस पैक का इस्तेमाल कर सकती हैं। इससे सूजन और जलन में आराम मिलती है और कमर के दर्द में राहत मिलती है। चोट लगने या मांसपेशियों में खिंचाव होने के 48 घंटे के बाद आप आइस पैक का इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है।

3. मासिक धर्म में गर्म पानी से नहाना होता है फायदेमंद

पहले के समय में मासिक धर्म के दौरान दादी नानी नहाने के लिए गरम पानी के इस्तेमाल की सलाह दिया करती थी जो आज भी कई घरों में फॉलो की जाती है। पीरियड्स में गर्म पानी से नहाना काफी फायदेमंद है क्योंकि इससे ब्लड सरकुलेशन बेहतर होता है, मांसपेशियों में दर्द से राहत मिलती है और जकड़न की समस्या कम होती है।

4. महिलाओं के कमर दर्द में एक्सरसाइज बेहतर विकल्प

एक्सरसाइज से आप अपने शरीर में ब्लड सरकुलेशन का संचार बढ़ाकर ऑक्सीजन का लेवल भी बढ़ा सकते हैं जिससे आपकी मांसपेशियों के खिंचाव में राहत भी मिलती हैं। आप ब्रिस्क वॉक, तैराकी, भुजंगासन, शलभासन और उष्ट्रासन। मासिक धर्म में अगर यह व्यायाम आपको किसी तरह की दिक्कत पहुंचाएं तो इन व्यायाम को करना आप तुरंत बंद कर दें।

गर्भवती महिला के कमर दर्द का घरेलू उपचार

तकरीबन 50 से 70% महिलाएं प्रेगनेंसी में कमर दर्द की समस्या से जुझती हैं। निम्नलिखित उपायों से आप इन समस्याओं से निजात पा सकती हैं।

1. कमर दर्द है तो तकिया लगाएं

अगर आपको कमर दर्द की समस्या से पीड़ित है तो सोते वक्त करवट लेते समय अपने पैरों के बीच में तकिया रखें। सीधे सोते समय अपने घुटनों के नीचे तकिया रखें।

2. एरोमाथेरेपी

आप लैवेंडर ऑयल से एरोमाथेरेपी बाथ ले सकती हैं। प्रेग्नेंसी में यह सुरक्षित होता है और इससे मांसपेशियों में दर्द से राहत पाने में भी मदद मिल सकती है। अपने नहाने के पानी में अंगूर के बीज के तेल में लैवेंडर ऑयल की दो से तीन बूंदें डालकर नहाएं। इसके अलावा लैवेंडर ऑयल की दो से तीन बूंद मिले गुनगुने पानी में एक कपड़े को भिगोकर सिकाई करने से भी पीठ दर्द से राहत मिलती है।

3. मालिश

मालिश से मांसपेशियों को राहत मिलती है जिससे पीठ दर्द से राहत पाने में मदद मिल सकती है। हल्‍के हाथों से मालिश करने के अलावा ठंडी या गर्म सिकाई भी इसमें फायदेमंद साबित हो सकती है।

4. धूप में बैठे

चाहे आप प्रेग्नेंट हो या नहीं, विटामिन डी आपके शरीर के लिए बहुत महत्व रखता है। अगर आप सर्दियों में अपनी प्रेगनेंसी इंजॉय कर रही हैं तो धूप में कम से कम 15 से 20 मिनट के लिए अवश्य बैठे।

5. एक्‍सरसाइज

प्रेग्नेंसी में नियमित एक्सरसाइज आपकी पीठ दर्द को कम करने का काम करती है। निम्नलिखित वीडियो में जो एक्सरसाइज दिखाई गई हैं वे आप अपने प्रेगनेंसी में कर सकते हैं।

निष्कर्ष | Conclusion

उपरोक्त लेख में हमने आपको महिलाओं में Pregnancy Me Kamar Dard के कारण बताए हैं इसी के साथ सामान्य महिला के जीवन में कमर दर्द के कारण भी बताए हैं और महलाओं में कमर दर्द का घरेलू उपचार भी। आपको किस कारण से कमर में दर्द रहता है, वह आप हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके अवश्य बताएं और इसी के साथ ही जो घरेलू उपचार हमने आपको बताए हैं उन्हें बिना किसी संदेह के आजमाएं और हमारे साथ शेयर करना ना भूले कि यह आपके लिए इफेक्टिव थे या नहीं अगर इफेक्टिव थे तो कौन सा उपाय आपको सबसे बेहतरीन लगा, हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं।

ज्यादातर पूछे जाने वाले प्रश्न | FAQ

FAQ

1. गर्भावस्था में कैसे बैठना चाहिए?

गर्भावस्था में हमेशा सीधी कमर करके बैठना चाहिए और बिना किसी सहारे के नहीं बैठना चाहिए। बैठते वक्त अपनी कमर के पीछे तकिया अवश्य लगाएं।

2. प्रेगनेंसी में हिप्स में दर्द क्यों होता है?

गर्भावस्था में बच्चे के बढ़ने के साथ-साथ गर्भाशय बढ़ता है जिससे आपको जांघों और कूल्हों में दर्द, झनझनाहट और सुन्नता महसूस होती है। इस समस्या को साइटिका कहते हैं। गर्भावस्था में साइटिका नर्व पर दबाव पड़ता है। हमारे शरीर में दो साइटिका नसें पैरों के निचले हिस्से में पाई जाती हैं।

3. प्रेगनेंसी में ज्यादा देर बैठने से क्या होता है?

प्रेगनेंसी में ज्यादा देर बैठने के लिए मना किया जाता है क्योंकि इससे आपको कमर में दर्द हो सकता है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि प्रेगनेंसी में अगर 6 घंटे से ज्यादा महिला झुककर बैठती है तो उसके वजन में काफी इजाफा होता है तो इसीलिए प्रेगनेंसी में ज्यादा देर बैठना नहीं चाहिए।

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