प्रस्तावना
विश्वास कीजिए, विश्वास कीजिए, वह शांति और सुकून जो हमें आत्मा के संग जुड़ाती है, वह है योग। जीवन के इस दौड़भागी दौर में, हम अक्सर अपने शरीर और मन का ख्याल रखने के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं, लेकिन क्या हम यह जानते हैं कि योग करने का सही समय क्यों जरूरी है? आइए, एक कहानी के माध्यम से हम एक भारतीय महिला की जीवन यात्रा पर चलते हैं और जानते हैं कि योग करने के लिए सही समय कौन सा है और इसके क्या फायदे हैं।
एक कहानी: एक भारतीय नारी की जीवन यात्रा
यह कहानी है एक भारतीय नारी की, जिसका नाम सुमित्रा था। सुमित्रा एक माँ, पत्नी और करियर वाली महिला थीं, जो रोजाना अपने घर-परिवार और काम के बीच फंसी हुई थीं। अपने बच्चों की पढ़ाई, घर के काम, और ऑफिस में अधिक दबाव उसे स्वास्थ्य को नजरअंदाज करने के लिए मजबूर कर रहे थे। धीरे-धीरे, उसकी सेहत खराब हो गई और वह अक्सर थकावट महसूस करने लगी।
एक दिन, उसकी दोस्त ने उसे योग करने का सलाह दी। उसकी दोस्त ने कहा, “सुमित्रा, तुम्हें अपने आप को ध्यान देने का समय निकालना होगा। योग करने से तुम्हें शांति मिलेगी और तुम अपने जीवन के सभी अध्यायों को ठीक से संभाल पाओगी।” सुमित्रा ने उसकी सलाह पर विचार किया और योग का अभ्यास शुरू किया। सुबह उठते ही वह ध्यान और प्राणायाम के साथ योग करने लगी।
योग करने का सही समय क्यों जरूरी है
योग करने का सही समय चुनते समय, सुमित्रा को यह भी ध्यान में रखना था कि योग करने का सही समय क्यों जरूरी है। योग करने के लिए सही समय का चयन करने से हमारे शरीर, मन, और आत्मा को बहुत सारे लाभ मिलते हैं।
योग करने का सही समय कौन सा है
सुमित्रा के अनुभव से हम जानते हैं कि सुबह और शाम योग करने के दोनों समय अलग-अलग फायदों के साथ आते हैं। यह निर्भर करता है कि हमारे शरीर और मन की क्या आवश्यकता है।
सुबह या शाम में योग करने के फायदे
सुमित्रा ने जल्द ही यह महसूस किया कि योग करने के लिए सही समय चुनने का महत्व क्या है। उसके जीवन में सुबह और शाम को योग करने के फायदे ने उसे आश्चर्यचकित कर दिया।
खाने से पहले या बाद में योग करने का प्रभाव
योग करने का सही समय चुनते समय, सुमित्रा को यह भी ध्यान में रखना था कि वह खाने से पहले या खाने के बाद योग करे। खाने से पहले योग करने से उसके शरीर को आवश्यक ऊर्जा मिलती थी और खाने के बाद योग करने से उसके शरीर को खाने को पूरा करने के लिए जरूरी पोषक तत्व मिलते थे। इससे उसके शरीर का पाचन ठीक रहता था और उसे ताजगी और उत्साह मिलता था।
रोजाना एक ही समय पर योग करने का महत्व
सुमित्रा ने योग का अभ्यास रोजाना एक ही समय पर करने का निर्णय लिया। उसके लिए योग करने का निश्चित समय उसके दिनचर्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया। सुबह के समय उसके मन को शांत करता और उसे पूरे दिन के लिए तैयार करता था, जबकि शाम के समय योग करने से उसे दिनभर के तनाव से राहत मिलती थी।
सुबह के समय किए जाने वाले 5 बेस्ट योगासन
1. सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar)
योग के इस श्रेष्ठ व्यायाम, सूर्य नमस्कार के फायदे और कैसे करें:
फायदे
- सूर्य नमस्कार शारीरिक और मानसिक संतुलन को सुधारता है।
- शरीर को ताजगी और ऊर्जा प्रदान करता है।
- मस्तिष्क और न्यूरोलॉजिकल विकास को संवारता है।
- शरीर को लचीला और फ्लेक्सिबल बनाता है।
- अच्छी पाचन शक्ति को बढ़ाता है।
- खून का संचार बेहतर होता है जो दिल के स्वास्थ्य को बनाए रखता है।
- स्पिनल कॉर्ड को मजबूती प्रदान करता है।
कैसे करें
- प्रारंभ में त्रिकोणासन करें, दाहिने पैर को सीधा रखें और बाएं हाथ को ऊपर उठाएं।
- फिर हस्तपादासन में झुकें, सिर को नीचे की ओर ले जाएं और घुटने सीधे रखें।
- अब अश्वसंचालन योगासन में जाएं, घुटनों को माटी पर रखें और दाहिने पैर को पीछे की ओर धकेलें।
- फिर पूर्वोत्तानासन करें, घुटनों को सीधा करें और पूर्वोत्तान करें जिससे पीठ की मांसपेशियां मजबूत हों।
- अब भुजंगासन करें, पेट को माटी से उठाकर छोटा नाभि तत्व बनाएं और शीशा ऊपर की ओर उठाएं।
- फिर पर्वतासन करें, घुटनों को मोड़ें, बाएं पैर को पीछे की ओर धकेलें और शिशु भाव में रहें।
- अब अश्वसंचालन योगासन दोहराएं और दाहिने पैर को सीधा रखें।
- हस्तपादासन में वापस जाएं, सिर को घुटनों की ओर ले जाएं और ऊपर उठें।
- आखिरी में त्रिकोणासन को दोहराएं, दाहिने हाथ को ऊपर उठाएं और साँसों के साथ बाहर निकलें।
सूर्य नमस्कार को धीरे-धीरे करें और संयम से अभ्यास करें, इससे आपको अधिक लाभ होगा। यदि आप शरीर की किसी खास समस्या से पीड़ित हैं, तो पहले चिकित्सक की सलाह लें।
यह पूर्ण शरीर व्यायाम है जो शरीर के सभी भागों को सक्रिय करता है और एक स्वस्थ जीवन जीने में मदद करता है।
त्रिकोणासन (Trikonasana)
यह आसन स्पीनल कोर्डिनेशन को बढ़ाता है, पेट की चर्बी को कम करता है, और पीठ और कमर को मजबूत बनाता है।
भुजंगासन (Bhujangasana)
यह आसन पीठ को मजबूत बनाने में मदद करता है और कमर और निचली पीठ के दर्द को कम करता है।
वीरभद्रासन (Virabhadrasana)
यह आसन पौरुष, साहस, और स्थिरता को विकसित करता है, साथ ही पीठ, पैर, और कमर को मजबूत बनाता है।
पवनमुक्तासन (Pawanmuktasana)
यह आसन पेट की चर्बी को कम करने में मदद करता है और आंतों को सक्रिय करता है।
शाम के समय किए जाने वाले 5 बेस्ट योगासन
- शवासन (Shavasana): यह आसन शरीर के तनाव को कम करता है और मन को शांत करता है।
- बलासन (Balasana): यह आसन पीठ, गर्दन, और कंधों के दर्द को कम करता है।
- विपरीतकरणासन (Viparita Karani): यह आसन पौरुष, शरीर की रक्षा, और तनाव को कम करने में मदद करता है।
- जानुशीर्षासन (Janu Sirsasana): यह आसन घुटने के दर्द को कम करता है और शरीर को चुस्त बनाता है।
- नटराजासन (Natarajasana): यह आसन शरीर को स्थिर करता है, साथ ही उत्साह को बढ़ाता है और शरीर के भार को बैलेंस करता है।
निष्कर्षण
इस कहानी से हम देखते हैं कि योग करने का सही समय चुनना शरीर और मन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। सुबह और शाम में योग करने से हमारे शरीर को आवश्यक ऊर्जा मिलती है और मन को शांति मिलती है। इससे हमारे जीवन में सकारात्मकता, स्वस्थता, और उत्साह का आगमन होता है। इसलिए, हमें रोजाना एक ही समय पर योग करने का महत्व समझना चाहिए और इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए।
अधिक जानकारी क लिए आप निचे दिए गए लिंक्स को पड़ सकते हैं:-
- योग करना सीखें (Yoga Kaise Karen) – विकिहाउ
- योग के सही समय और उसके फायदे – NDTV Khabar
- सुबह या शाम के समय करें योग का अभ्यास – Navbharat Times
ध्यान दें
ऊपर दिए गए योग अभ्यास को शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक या योग गुरु से परामर्श करें। योग करते समय ध्यान रखें और अपने शरीर की सीमाओं को पार न करें। यदि आपको किसी भी प्रकार की तकलीफ हो या आप नए होते हैं तो योग अभ्यास शुरू करने से पहले एक विशेषज्ञ की सलाह लें।
आशा करती हूँ कि आपको यह ब्लॉग पोस्ट पसंद आया होगा और आपको योग करने के सही समय के बारे में जानकारी मिली होगी। अपने दोस्तों और परिवार के साथ इसे शेयर करें और योग के लाभ का आनंद लें। ध्यान रखें, स्वस्थ रहें और योग का अभ्यास करते रहें। धन्यवाद!