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गर्मी शुरू होने वाली है, गुलकंद बनाया या नहीं, यह वक्तव्य हर उस घर में दादी या नानी के द्वारा आमतौर पर बोले जाते हैं। जो घर व्यवस्था प्रिय होते हैं एवं मौसमानुसार खान पान का ज्यादा ध्यान रखते हैं। उत्कृष्ट स्वाद व सुगंध से परिपूर्ण Gulkand ke fayde ढ़ेर सारे है जिन्हें आज के समय में हर कोई जानना चाहता है।

जैसे ही गर्मियों का आगाज़ होता है। पसीना, चिपचिपाहट, कब्ज, रूखी त्वचा, मुंहासे और रूसी जैसी समस्याएं भी लोगों को परेशान करने लगती है। ऐसे हॉट सीज़न में लोग कूल-कूल रहना चाहते हैं, कम खाना पसंद करते हैं और वही खाना चाहते हैं जो उनके शरीर को गर्मी से राहत दिलाकर ठंडक पहुंचाए। गुलकंद जैसे ठंडी तासीर वाले खाद्य पदार्थ उनके शरीर को ठंडक पहुंचाते हैं।

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ब्यूटी दुनिया के इस लेख में आज हम बात करेंगे; गुलकंद के फायदे (Gulkand Benefits). गुलकंद एक ऐसा ठंडी तासीर वाला खाद्य पदार्थ है जिसका उपयोग भारतीय व्यंजनों के साथ-साथ आयुर्वेदिक दवाओं में भी किया जाता है। यूनानियों ने सर्वप्रथम गुलकंद को उपचार में इस्तेमाल किया। उनका मानना था, गुलकंद में शरीर को ठंडक पहुंचाने वाले बेहतरीन गुण विद्यमान है इसीलिए उन्होंने गुलकंद को कूलिंग टॉनिक का नाम दिया। उत्कृष्ट स्वाद व सुगंध से परिपूर्ण गुलकंद आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत तरह से फायदेमंद है जिसका जिक्र आज हम अपने इस लेख में करने जा रहे हैं।

गुलकंद क्या है | What Is Gulkand

  • गुलकंद को गुलाब की पंखुड़ियों का मुरब्बा कहा जाता है।
  • यह गुलाब की ताजी पंखुड़ियों से बनाया जाता है।
  • इसमें मिठास लाने के लिए चीनी/मिश्री का इस्तेमाल किया जाता है।
  • इसे गुलकंद इसलिए कहते हैं, क्योंकि अरबी में गुल का अर्थ है फूल और कंद का अर्थ मिठास होता है।।
  • गुलकंद एक नेचुरल कूलेंट है जो सभी उम्र के बच्चे व बड़ों के लिए काफी फायदेमंद है।
  • यह सिर्फ पान के स्वाद को ही नहीं बढ़ाता बल्कि हमारे स्वास्थ्य से लेकर सौंदर्य तक की ढेरों समस्याओं में फायदा करता है इस तरह से Gulkand Health Benefits बहुत सारे है।
  • वैसे तो इसे हर मौसम में खा सकते हैं परंतु खासतौर पर गर्मियों के दिनों में लोग इसे खाना ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि यह शरीर को ठंडक प्रदान करने वाला ठंडी तासीर का खाद्य पदार्थ है जो हाथ-पैर की जलन, पेट में दर्द, जी मचलाना, एसिडिटी, सिरदर्द, सुस्ती-थकावट, कब्ज, मुंहासे और अनियमित नींद जैसी बहुत सी समस्याओं में राहत दिलाता है।
  • गुलकंद में विटामिंस ए, बी और सी पाया जाता है।
  • Gulkan एक अच्छा एन्टी बैक्टिरीयल है जो त्वचा संबंधित समस्याओं में बहुत फायदेमंद है।
  • इसके साथ ही इसमें प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते है जो शरीर की प्रतिरोधात्मक क्षमता को बढ़ाकर थकान को कम करता है।
  • यह त्वचा को हाइड्रेट भी करता है।
  • खाना खाने के बाद गुलकंद खाने से पाचन क्रिया भी दुरुस्त होती है।
  • भोजन करने के बाद गुलकंद एक अच्छा माउथफ्रेशनर भी है।

गुलकंद के फायदे | Gulkand Benefits

gulkand ke fayde

उत्कृष्ट स्वाद व सुगंध से परिपूर्ण गुलकंद के फायदे ढ़ेर सारे है जिन्हें आज के समय में हर कोई जानना चाहता है। गुलाब की पंखुड़ियों से बनने वाला यह मुरब्बा स्वाद में तो बेहतर होता ही है लेकिन इसके साथ ही हमारे स्वास्थ्य के लिए यह एक रामबाण उपाय भी है। अकेला गुलकंद हमें कितने सारे फायदे देता है। चलिए इसके बारे में जानते हैं।

1. वजन कम करने में गुलकंद के फायदे | Gulkand Benefits For Weight Loss In Hindi)

 वजन कम करने में गुलकंद के फायदे | Gulkand Benefits For Weight Loss In Hindi)
  • गुलाब में मौजूद लैक्सेटिव या ड्यूरेटिक गुण मेटाबॉलिज को तेज करने में मदद करते हैं।
  • मेटाबॉलिज में तेज होने पर शरीर में कैलोरी की मात्रा कम करता है जिस कारण वजन नियंत्रण में रहता है इस स्थिति में आप रोजाना खाने के बाद गुलकंद का सेवन करें। गुलकंद में गुलाब का अर्क होता है जो आपके वजन को कम करता है।
  • अगर आप गुलकंद नहीं खाना चाहते तो आप निम्नलिखित उपयोग से वजन कम कर सकते हैं। जैसा कि गुलकंद में भी गुलाब का अर्क भी होता है। आप निम्नलिखित तरीके से गुलाब का अर्क घर में ही बना सकते हैं।
  • गुलाब के 20 पंखुड़ियों को एक गिलास पानी में तब तक उबालें जब तक पानी गहरा गुलाबी ना हो जाए।
  • अब इस पानी में एक चुटकी इलायची पाउडर और एक चम्मच शहद मिलाकर खाने इस पानी को दिन में दो बार खाने के बाद ले।

2. प्रेगनेंसी में गुलकंद के फायदे | Gulkand Ke Fayde In Pregnancy

प्रेगनेंसी में गुलकंद के फायदे | Gulkand Ke Fayde In Pregnancy
गुलकंद के फायदे प्रेगनेंसी में
  • प्रेगनेंसी में ज्यादातर महिलाएं कब्ज की समस्या से ग्रसित रहती हैं क्योंकि गुलकंद में मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। ऐसे में गुलकंद का सेवन उनकी कब्ज की समस्या को दूर करता है।
  • महिलाओं को कुछ भी गर्म तासीर की चीजें खाने के लिए मना किया जाता है। गुलकंद की सबसे खास बात यह है कि इस की तासीर ठंडी होती है जब भी प्रेग्नेंट महिलाओं का कुछ भी मीठा खाने का मन होता है तो वह गुलकंद खा सकती हैं। घर का बना गुलकंद हो तो और अच्छी बात है

3. Gulkand Ke Fayade Skin ke Liye | Gulkand Benefits For Skin In Hindi

  • धूप और गर्मी की वजह से सनबर्न हो जाता है। जिसकी वजह से स्किन पर जलन, रैशेज और लाल चकत्ते पड़ जाते हैं। गुलकंद शरीर में विद्यमान तापमान को नियंत्रित करता है और सनबर्न जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
  • Gulkhand एक गजब का कायाकल्प है जिसमें बहुत सारे एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो मुहांसों को दूर करने में मदद करते हैं। और इसी के साथ ब्लैकहेड्स, वाइटहेड्स की समस्या को भी दूर करता हैं।
  • इसी के साथ यह एक अच्छा anti-aging भी है।
  • गुलकंद का सेवन त्वचा में नमी को बनाए रखता है और बेजान त्वचा में जान लाता है।
  • यह रक्त को साफ करता है और हमारी त्वचा के रंग को भी सुधरता है।

4. कब्ज में गुलकंद के लाभ | Gulkand Benefits For Constipation

कब्ज में गुलकंद के लाभ | Gulkand Benefits For Constipation
गुलकंद के फायदे पेट के लिए
  • आजकल लोग अनुचित खानपान की वजह से गैस, अपच, पेट में ऐंठन की समस्या से ग्रसित रहते हैं। गुलकंद का सेवन इन समस्याओं से निजात देने के साथ-साथ शरीर में ठंडक भी प्रदान करता है।
  • गुलकंद मल को पतला करता है जिससे मल त्यागने में आसानी होती है।
  • बवासीर (Gulkand Benefits For Piles) से ग्रस्त रोगियों को गुलकंद खाने की सलाह दी जाती है।
  • यह छोटी व बड़ी आंत की सूजन को भी कम करता है।
  • शरीर में एक्स्ट्रा हीट को नियंत्रित करता है जिससे पेट की बहुत सारी समस्याओं में राहत मिलती है।

5. मुंह के अल्सर में गुलकंद के लाभ | Benefits Of Gulkand In Mouth Ulcers In Hindi

  • जब पेट खराब होता है और कब्ज होती है तो शरीर में विषाक्त तत्व मल के जरिए पूरी तरह से बाहर नहीं निकल पाते। उनके द्वारा जनरेट की हुई गर्मी स्किन में किसी न किसी रूप में बाहर निकलती है।
  • मुंह के छालों का होना उन्हीं में से एक है जो शरीर में विटामिन बी समूह की कमी के कारण होता है। गुलकंद में विटामिन बी समूह की मात्रा पाई जाती है तो ऐसी स्थिति में गुलकंद का सेवन मुंह के छालों में राहत का काम करता है।

6. गुलकंद का इस्तेमाल आंखों की समस्या में | Gulkand Benefits For Eyes)

  • गुलकंद का स्वभाव शीतलता प्रदान करने वाला होता है जो आंखों में होने वाली जलन व खुजली को दूर करता है।
  • गुलकंद आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी सहायक है।

7. थकान व मानसिक तनाव में गुलकंद के फायदे | Benefits Of Gulkand for Fatigue And Mental Stress)

  • गुलकंद के फायदे थकान व तनाव को कम करने में भी हो सकते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को ऊर्जावान बनाने के साथ-साथ तंत्रिका तंत्र को संतुलित करने का भी कार्य करते हैं।
  • गुलकंद की शीतलता मानसिक तनाव को भी कम करती है।

8. हृदय स्वास्थ्य के लिए गुलकंद का लाभ | Gulkand Benefits For Heart In Hindi)

  • जैसा कि पहले भी बताया जा चुका है कि गुलकंद में मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। जो ब्लड प्रेशर व ब्लड ग्लूकोस को कंट्रोल करता है।
  • हृदय की धमनियों को सुचारू रूप से कार्य करने में मदद करता है।

गुलकंद के अन्य फायदे | Uses Of Gulkand

  • गर्मी के दिनों में बच्चों में नकसीर (नाक से खून) निकलने की समस्या होती हैं। ऐसे में गुलकंद का सेवन उनके लिए लाभकारी है।
  • यह महिलाओं में योनि के संक्रमण से होने वाले पीले प्रदर को भी कम करने में मदद करता है।
  • गुलाब में एंटीऑक्सीडेंट्स गुण पाए जाते है। इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। यूरिन से जुड़ी समस्या में भी गुलकंद लाभदायक होता है।
  • कैंसर रोगियों को कीमोथेरेपी के उपचार के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए गुलकंद का उपयोग (Uses of Gulkand) करने की सलाह दी जाती है।
  • जैसा कि पहले भी बताया गया है गुलकंद में एंटी ऑक्सीडेंट्सस पाए जाते हैं जो याददाश्त बढ़ाने में मदद करते है और इसी के साथ किसी तरह की भयंकर दिमागी बीमारी के होने से भी यह बचाता है।
  • बच्चों में यह पावर बूस्टर का काम करता है।
  • गुलकंद आपके हीमोग्लोबिन के स्तर को भी बढ़ाता है।
  • यह गर्मियों में लू से भी बचाता है।

गुलकंद के नुकसान | Gulkand Side Effects

  • गुलकंद में शुगर की मात्रा पाई जाती है। इसको बनाने के लिए चीनी/ मिश्री या शुगर का इस्तेमाल किया जाता है तो यह मधुमेह के रोगियों के लिए उचित नहीं है। इसके सेवन से उनकी तबीयत बिगड़ सकती है।
  • जिन लोगों को गुलाब की सुगंध से एलर्जी होती है। उनके लिए गुलकंद का सेवन उनकी एलर्जी को और बढ़ा सकता है।
  • गुलकंद की तासीर ठंडी होती है इसीलिए अगर इसका ज्यादा मात्रा में सेवन कर लिया जाए तो इससे सर्दी- जुकाम होने की संभावना होती है।
  • ज्यादा मोटे लोग गुलकंद ना खाएं।
  • वैसे तो गुलकंद सभी प्राकृतिक चीजों से मिलकर बनता है तो ऐसी स्थिति में इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ना संभवतः कम है सिवाय उपरोक्त तीन स्थितियों के।

गुलकंद बनाने की विधि | How To Make Gulkand In Hindi

गुलकंद बनाने की सामग्री

  • गुलाब की पंखुडियां- 100 ग्राम
  • शक्‍कर- 50 ग्राम
  • छोटी इलायची (पीसी हुई)- 1 टीस्‍पून
  • सौंफ (पीसी हुई)- 1 टीस्‍पून

गुलकंद बनाने की विधि

  • गुलाब की पंखुडियों को धोकर, सूती कपड़े पर सुखाकर, किसी कांच के बर्तन में डालें।
  • फिर इसमें सारी सामग्री अच्छी तरह से मिलाएं और इसे ढककर 8-10 दिन धूप में रखें।
  • इसे बीच-बीच में हिलाते रहें।
  • जब आपको लगे पंखुडियां गल चुकी है तो समझो गुलकंद बन कर तैयार है।

गुलकंद खाने का तरीका | How To Eat Gulkand

गुलकंद कौन-कौन खा सकता है?

जैसा पहले ही बताया जा चुका है गुलकंद बच्चे से लेकर बूढ़े, गर्भवती महिला कोई भी खा सकता है, सिवाय मधुमेह के रोगियों के।

गुलकंद का सेवन कैसे किया जाता है? (Gulkand Uses)

गुलकंद को आप निम्नलिखित तरीकों से खा सकते हैं

  • सबसे बेस्ट तरीका गुलकंद को खाने का है; दूध में गुलकंद को मिलाकर खाना। इस प्रक्रिया में आपको दूध को उबालना है और उसमें एक चम्मच गुलकंद मिलाना है। गुलकंद में अपनी मिठास पर्याप्त होती है इसीलिए आपको इस दूध में एक्स्ट्रा चीनी या शहद मिलाने की जरूरत नहीं है।
  • आप गर्म दूध के अलावा ठंडे दूध में भी गुलकंद को मिलाकर ले सकते हैं। यह दूध स्वाद और सुगंध में बच्चों को बहुत आकर्षित करता है।
  • आप पानी के साथ भी गुलकंद को ले सकते हैं।
  • इसके अलावा गुलकंद को ब्रेड पर लगाकर भी खा सकते है।
  • गुलकंद को आप डायरेक्टली भी खा सकते हैं।
  • गुलकंद में ड्राई फ्रूट मिक्स करके उसके लड्डू बनाकर भी आप खा सकते हैं। यह एक तरह की मिठाई बन जाती है।

गुलकंद कब खाना चाहिए?(Benefits Of Eating Gulkand)

गुलकंद को आप सुबह और शाम खाने के बाद खा सकते हैं।

गुलकंद कितना खाएं?

  • शिशुओं को 500 से 1 ग्राम
  • बच्चों को 2 से 3 ग्राम
  • वयस्क को 10 ग्राम 20 ग्राम
  • गर्भावस्था में 2 से 5 ग्राम
  • वृद्धावस्था (बुढ़ापा) में 5 ग्राम देना चाहिए।

गुलकंद के बेस्ट 5 भारतीय ब्रांड | Gulkand Price

निष्कर्ष | Conclusion

इस लेख में हमने गुलकंद के बारे में पूरा विवरण देने की कोशिश की है जिसमें हमने बताया है गुलकंद के फायदे, नुकसान, गुलकंद बनाने की विधि, सेवन करने का तरीका। गुलकंद एक कूलिंग टॉनिक है जिसे गर्मियों में शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए लिया जाता है यह गर्मियों में खाने की चीज है तो इसका मतलब यह नहीं है कि इसे हम सर्दियों में नहीं खा सकते हम इसे सर्दियों में भी खा सकते हैं लेकिन थोड़ी कम मात्रा में आशा करते हैं आपको यह लेख पसंद आया होगा।

FAQS | ज्यादातर पूछे जाने वाले प्रश्न

FAQ

कब्ज में गुलकंद कैसे और कितना ले?

जैसा कि इस लेख में बताया गया है कि गुलकंद में मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो कब्ज में बहुत ही कारगर होता है। कब्ज में गुलकंद लेने का सबसे अच्छा तरीका है, गर्म दूध में गुलकंद को मिला कर लेना। एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच गुलकंद रात को सोने से पहले लें।

गुलकंद का क्या भाव है?

इस लेख में बेस्ट 5 ब्रांड के गुलकंद को उनके भाव के साथ ऊपर बताया गया है कृपया उसे पढ़ें।

क्या गुलकंद का इस्तेमाल मासिक धर्म में कर सकते है?

हां, मासिक धर्म में गुलकंद खाना फायदेमंद है (Gulkand Benefits For Periods) क्योंकि मासिक धर्म में होने वाले दर्द ऐंठन (cramps) से गुलकंद छुटकारा दिलाता है।

क्या गुलकंद का फेस (Gulkand Face Pack) पैक लगा सकते हैं?

हां, थोड़े से दूध में गुलकंद को अच्छी तरह से मिलाकर उसका फेस पैक बनाकर हम अपने फेस पर लगा सकते हैं। यह आपके चेहरे को गुलाब जैसा निखार देता है

गुलकंद के फायदे के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर पढ़ें

10 “महिलाओं के जबरदस्त टॉनिक” अशोकारिष्ट के फायदे

आयुर्वेद ने हमें बहुत सारी औषधियां प्रदान की है जिसमें से एक है अशोक के पेड़ की छाल, जिससे अशोकारिष्ट (Ashokarishta) नाम का एक जबरदस्त महिलाओं का टॉनिक बनाया जाता है। महिलाओं के लिए अशोकारिष्ट के फायदे अनेक है जिसे महिलाओं का प्राकृतिक मित्र माना जाता है जो महिलाओं के हार्मोन असंतुलन, मासिक धर्म विकार व प्रजनन संबंधी विकारों को दूर करने के साथ-साथ और भी बहुत सी समस्याओं में लाभदायक है‌।

ब्यूटी दुनिया के इस लेख में अशोकारिष्ट के फायदे और नुकसान के साथ-साथ आपको इससे जुड़े और भी बहुत से पहलुओं को समझने में मदद मिलेगी। अशोकारिष्ट सिरप से संबंधित अपनी जिज्ञासा की पूर्ति के लिए पढ़े पूरा लेख।

पढ़ने का समय नहीं हैं, इस लेख का हिंदी सारांश सुने

अशोकारिष्ट क्या है (What Is Ashokarishta Tonic)

अशोकारिष्ट के फायदे

अशोकारिष्ट एक आयुर्वेदिक औषधि है जो अशोक के पेड़ की छाल के साथ और 14 प्राकृतिक अवयवों को मिलाकर बनाई जाती हैं। अशोक के पेड़ की छाल से इंडिका सारका नामक पदार्थ को काढ़े के रूप में निकाल कर 14 प्राकृतिक चीजों के साथ मिलाकर पहले किण्वित किया जाता है और फिर उबालकर फिल्टर किया जाता है। इसके सक्रिय यौगिकों में से एक के रूप में 5% से 10% स्वनिर्मित अल्कोहल होता है। यह मुख्यता महिलाओं के लिए निर्मित एक औषधीय टॉनिक है जो महिलाओं के प्रजनन अंगों से संबंधित विकारों और मासिक धर्म से संबंधित विकारों में उपयोगी है।

अशोकारिष्ट (Ashokarishta) में अशोक की छाल के अलावा निम्नलिखित चीज समाहित होते हैं :

  • गुड़
  • धातकी फूल
  • मुस्तक जड़ें
  • अदरक राइज़ोम
  • कलौंजी
  • दारुहरिद्र:
  • उत्पला फूल
  • अमलाकी
  • विभीतकी
  • आम बीज
  • जीरे का बीज
  • अदुलसा
  • चंदन
  • हरितकि

अशोकारिष्ट की औषधीय क्रियाएं (Ashokarishta Pharmacological Actions)

अशोकारिष्ट (ashokarishta tonic) एक आयुर्वेदिक दवा है जो निम्नलिखित औषधीय क्रियाओं के माध्यम से काम करती है:-

  • एस्ट्रोजेनिक (हार्मोन संतुलन के लिए)
  • एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन को कम करने के लिए)
  • कार्मिनेटिव (गैस व कब्ज़ में राहत के लिए) 
  • एंटी-कार्सिनोजेनिक (कैंसर रोधी)
  • एडाप्टोजेनिक (शरीर में स्थिरता व होमोस्टैसिस को बढ़ावा)
  • हेमाटीनिक (खून की कमी को रोकने वाला)
  • पाचन उत्तेजक ( पाचन शक्ति को दुरुस्त करने वाला)
  • मांस पेशियों को आराम देने वाला
  • इम्यून बूस्टर (प्रतिरोधक क्षमता की वृद्धि में सहायक)
  • कार्डियोटॉनिक (हृदय को स्वस्थ रखने वाला)

अशोकारिष्ट में निहित पोषक तत्व (Ashokarishta Nutritional Value In Hindi)

जैसे पहले ही बताया जा चुका है कि अशोकारिष्ट (ashokarishta tonic) एक आयुर्वेदिक सिरप है जो 15 प्राकृतिक चीजों के संयोजन से बना है। इन में निम्नलिखित पोषक तत्व देखे जाते है, 

  • एल्केलाइड्स
  • ग्लाइकोसाइड्स
  • कार्बोहाइड्रेट्स
  • टेनिन्स
  • फ्लेवेनोइड्स 

अशोकारिष्ट के फायदे (Ashokarishta Benefits in Hindi)

अशोकारिष्ट महिलाओं का प्राकृतिक मित्र है जो महिलाओं के उन दिनों वाली समस्याओं में काफी मदद करता है। यह वह टॉनिक है जिसे हमारी दादी नानी पीरियड्स में पीने की सलाह देती हैं। महिलाओं की प्रजनन संबंधी विकारों व मासिक धर्म में होने वाली दिक्कतों के इलाज के लिए अशोकारिष्ट एक बेहतरीन औषधि है।

अशोकारिष्ट एक ऐसा सिरप है जिसे डिलीवरी के बाद भी पीने की सलाह दी जाती है। ऐसा माना जाता है इसमें मौजूद तत्व महिला के शारीरिक क्षमताओं को फिर से दुरुस्त बनाते हैं। डिलीवरी के बाद इसे पीने का मेरा स्वयं का अनुभव काफी अच्छा रहा है। कहा जाता है अशोकारिष्ट पीने से डिलीवरी के बाद आपके यूट्रस में जो गंदगी बच जाती है वह आसानी से निकल जाती है और इसी के साथ ही चक्कर जैसी समस्याएं आपको भावी जीवन में नहीं देखने को मिलती। मेरे अनुसार अशोकारिष्ट एक महिला के लिए जीवन के हर पड़ाव पर साथ देने वाला एक सच्चा मित्र है।

1. अशोकारिष्ट मासिक धर्म में उपयोगी (Ashokarishta Benefits for Periods in Hindi)

 पीरियड्स से जुड़ी हर समस्या से राहत पाने में अशोकारिष्ट निम्न तरीके से फायदेमंद है।

  • सर्वप्रथम यह मासिक धर्म के चक्र को सामान्य बनाने में लाभकारी है। मासिक धर्म में होने वाली शीघ्रता व देरी को नियंत्रित करता है।
  • अतिरज यानी पीरियड्स में होने वाली अत्याधिक रक्त स्त्राव(heavy bleeding) को रोकता है।
  • पीरियड्स में होने वाले असहनीय पेट दर्द में राहत दिलाता है।

2. हार्मोन संतुलन (Ashokarishta Syrup Benefits in Hindi)

महिलाओं में हार्मोन्स एकआयु के बाद असंतुलित होने लगते हैं। जिसकी वजह से उन्हें बहुत ही समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जैसे 

  • चेहरे पर दाग धब्बे व झाइयां
  • पीरियड्स में शीघ्रता वे देरी 
  • मोटापे की समस्या 
  • पर्याप्त नींद ना आना 
  • भूख ना लगना 

अशोकारिष्ट में मौजूद एस्ट्रोजेनिक तत्व आपके शरीर में हार्मोन को संतुलित बनाए रखते हैं।

3. श्रोणि या पेल्विक सूजन में फायदेमंद (Ashokarishta Syrup Uses In Hindi)

अशोकारिष्ट टॉनिक में एंटी इन्फ्लेमेटरी यानी सूजन को कम करने वाला गुण और एंटीमाइक्रोबियल यानी सूक्ष्म जीवाणुओं को नष्ट करने वाला गुण मौजूद है। महिलाएं अक्सर अपने गर्भाशय, अंडाशय व अन्य प्रजनन अंगों में होने वाली सूजन से जूझती हैं। तो ऐसी समस्याओं में अशोकारिष्ट काफी बेनिफिशियल है।

4. लिकोरिया/ श्वेत प्रदर में अशोकारिष्ट के फायदे (Uterine Tonic Uses In Hindi)

सफेद पानी यानि योनि से सफेद, बदबूदार व चिपचिपा डिस्चार्ज आना लिकोरिया कहलाता है। इस बीमारी में अशोकारिष्ट काफी फायदेमंद है। इस बीमारी की वजह से महिलाओं में अक्सर कमर दर्द की परेशानी भी देखी जाती है, तो ऐसी स्थिति में अशोकारिष्ट का सेवन महिलाओं को कमर दर्द से तो निजात दिलाता ही है साथ ही उनके खून को साफ कर उन्हें इस समस्या से निजात भी दिलाता हैI

5.PCOS(पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) में अशोकारिष्ट के फायदे

यह एक ऐसी मेडिकल कंडीशन होती है जो आमतौर पर रीप्रोडक्टिव उम्र की महिलाओं में हार्मोन असंतुलन की वजह से पाई जाती है। इस स्थिति में महिलाओं के शरीर में मेल हार्मोन “एंडोजन” का लेवल बढ़ जाता है और ओवरसीज पर एक से ज्यादा सिस्ट पाई जाती हैं। ज्यादा वज़न व ज्यादा तनाव भी इसका प्रमुख कारण हो सकते है। इस बीमारी से ग्रसित महिला के गर्भवती होने की संभावना बहुत कम होती है। इस बीमारी के लक्षण इस प्रकार हैं-

  • बढ़ता वजन
  • थकान
  • मासिक धर्म में चक्र में देरी
  • बालों का पतला होना व झड़ना
  • श्रोणि में दर्द
  • सिर दर्द 
  • मुंहासे आदि।

जैसा कि पहले बताया गया है कि इन लक्षणों में अशोकारिष्ट सिरप काफी फायदेमंद होता है। तो इससे यह तय है कीपॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम में अशोकारिष्ट फायदेमंद है। जो हार्मोन संतुलन करने के साथ-साथ मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित कर पीरियड्स में अत्यधिक रक्त के स्त्राव को नियंत्रित भी करता है। लेकिन इसे लेने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य परामर्श लें।

6. त्वचा के लिए अशोकारिष्ट के फायदे (Ashokarishta Benefits For Skin)

  • पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से ग्रसित महिलाओं में पुरुष हार्मोन का लेवल बढ़ जाने की वजह से उनके चेहरे पर बाल आने लगते हैं। ऐसी स्थिति में अगर महिलाएं अशोकारिष्ट का सेवन करती हैं तो उनके हार्मोन संतुलित होते हैं। जिसकी वजह से उन्हें चेहरे पर बाल आने वाली समस्याओं से निजात मिलती है।
  • हार्मोन असंतुलन, कब्ज़ और मानसिक तनाव की वजह से महिलाओं को मुहांसों की समस्या का भी सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में अशोकारिष्ट का सेवन उन्हें मुहांसों की समस्या से छुटकारा दिलाता है।
  • अशोकारिष्ट खून साफ करता है और साथ ही चेहरे के ग्लो को भी बढ़ाता है।

7. ऑस्टियोपोरोसिस (अशोकारिष्ट पीने के फायदे)

यह एक हड्डी का रोग होता है। इस समस्या से जूझने वाले इंसान की हड्डियों के बीच खनिज घनत्व कम होने लगता है। जब महिलाओं में मासिक धर्म की प्रक्रिया बंद हो जाती है तो उसके बाद की स्थिति को मेनोपॉज कहा जाता है। पीरियड बंद होने के बाद महिलाओं में ढेरों बदलाव देखे जाते हैं जिसमें से हड्डियों की कमजोरी एक है। ऐसी स्थिति में महिलाओं की हड्डियों में कैल्शियम की कमी के साथ-साथ खनिज घनत्व का रिसाव होने लगता है। 

नोट:- चूंकि अशोकारिष्ट ओस्टियोपोरोसिस में लाभकारी होता है। तो इस समस्या से जूझ रहे कोई भी स्त्री व पुरुष दोनों अशोकारिष्ट का सेवन कर सकते हैं।

अब बात करते हैं ; अशोकारिष्ट सिरप पीने के उन फायदों की जिसके चलते इसका महिलाओं के अलावा पुरुष भी सेवन कर सकते हैं।

8. इम्यून बूस्टर (Ashokarishta Uses)

अशोकारिष्ट पेड़ से संबंधित एक शोध में यह पता चला कि अशोक के पेड़ में इम्यूनिटी माड्यूलेटर के गुण पाए जाते हैं। तो कमजोर इम्यूनिटी वाले स्त्री और पुरुष दोनों इसको पी सकते हैं। यह इम्यूनिटी बूस्ट करने का काम करता है

9. पेट और कब्ज में अशोकारिष्ट के फायदे

अशोकारिष्ट में मौजूद कार्मिनेटिव गैस में राहत दिलाने वाला गुण और डाइजेस्टिव यानी पाचन शक्ति को दुरुस्त करने वाला गुण पाया जाता है। इसीलिए पेट और कब्ज की समस्या में अशोकारिष्ट महिला व पुरुष दोनों ले सकते हैं।

10. अल्सर में राहत

अशोक के पेड़ से संबंधित एक शोध से यह भी ज्ञात हुआ कि अशोक के पेड़ में एंटी-अल्सर के गुण पाए जाते हैं और इसी पेड़ की छाल से इंडिका सारका नामक अर्क निकालकर अशोकारिष्ट सिरप बनाया जाता है। तो इससे यह तय हो जाता है कि अशोकारिष्ट में अल्सर से राहत देने वाले गुण मौजूद हैं।

अशोकारिष्ट पीने के अन्य फायदे हैं | Ashokarishta Peene Ke Fayade

• मल मूत्र त्यागने की प्रक्रिया को सरल बनाता है।
• बाल झड़ना, मुंहासे और वजन बढ़ने जैसी समस्याओं में काफी फायदेमंद है।
• खूनी बवासीर व पेचिश की समस्याओं को हल करता है।
• भूख की कमी को दूर करता है
• महिलाओं में थकान को कम करके उनमें सहनशक्ति को बढ़ाता है।

अशोकारिष्ट का उपयोग कैसे करें | How To Use Ashokarishta In Hindi

• एक व्यस्क खाना खाने के बाद अशोकारिष्ट सिरप की 15-20 मिलीलीटर की मात्रा बराबर पानी की मात्रा में मिलाकर लें सकता है।
• बेहतर परिणाम के लिए पानी गुनगुना ले।
• अशोकारिष्ट सिरप को आप खाना खाने के बाद दिन में दो बार ले सकते हैं।
• अगर आपके पीरियड्स में देरी हो रही है तो ऐसी स्थिति में आप 10 मिलीलीटर अशोकारिष्ट की दवाई बिना पानी में मिलाएं पी सकते हैं। इससे आपको अच्छे रिजल्ट मिलेंगे।
• 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों को डॉक्टर अशोकारिष्ट सिरप पीने की अनुमति नहीं देते।

सावधानियां

  • अशोकारिष्ट सिरप की मात्रा का सेवन अपने चिकित्सक की परामर्श के अनुसार करें या फिर बोतल पर निर्देशित मात्रा का सेवन करें।
  • हमेशा गुनगुने पानी में अशोकारिष्ट मिला कर ले।
  • खाली पेट सिरप का सेवन कभी भी ना करें।
  • मरीज अगर किसी बड़ी बीमारी से ग्रसित है तो अशोकारिष्ट सिरप का सेवन नजरंदाज करें। अगर उसे लगता है कि इस दवाई से उसकी स्थिति में सुधार हो सकता है। तो ऐसी स्थिति में इसके सेवन से पहले डॉक्टर का परामर्श अवश्य लें।
  • दवाई का कम या ज्यादा अपनी इच्छा के अनुसार ना करके डॉक्टर की परामर्श के अनुसार करें।

अशोकारिष्ट के नुकसान | Ashokarishta Side Effects In Hindi

वैसे तो अशोकारिष्ट एक आयुर्वेदिक औषधि है और इसके नुकसान के बारे में अभी तक कोई वैज्ञानिक तथ्य सामने नहीं आए हैं। लेकिन यह भी देखा गया है कि अगर आप इस की ज्यादा मात्रा ले लेते हैं और जिस तरीके से इसके उपयोग करने के लिए निर्देश दिए गए हैं, उनको फॉलो नहीं करते तो ऐसे में कुछ साइड इफेक्ट देखे जा सकते हैं जैसे:-

• अशोकारिष्ट सिरप की ज्यादा मात्रा लेने से महिलाओं में पीरियड्स की अनियमितता देखी जाती है तो इसकी उचित मात्रा ही ले और अपने डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ले।
• जैसा कि इस लेख में पहले ही बताया जा चुका है कि अशोकारिष्ट में 5% से 10% प्राकृतिक अल्कोहल पाया जाता है तो कुछ लोगों में इसके सेवन के पश्चात जलन व एसिडिटी की समस्या देखी जाती है।
• अशोकारिष्ट में गुड होने की वजह से यह डायबिटीक यानी मधुमेह के रोगियों के लिए वर्जित है।
• यह हृदय की धड़कनों को बढ़ा देता है। इसीलिए उच्च रक्तचाप के लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए।
• अशोकारिष्ट की गलत मात्रा का सेवन करने से उल्टी या मतली की समस्या हो सकत

पीरियड्स में अशोकारिष्ट पीना चाहिए या नहीं

सबसे पहले आपको अपने पीरियड्स के दौरान अपनी समस्या को पहचानना होगा।
• अगर आपको पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग खुलकर नहीं होती, रुक-रुक कर होती है तो ऐसी स्थिति में आप अशोकारिष्ट सिरप ले सकते हैं।
• अगर आपको पीरियड के दौरान चिड़चिड़ापन, तनाव, बुखार व पेट में दर्द होता है। तो भी आप इस दवा को ले सकते हैं।
• अगर आपको महीने में एक से अधिक बार पीरियड्स आते हैं। जैसे कि कुछ महिलाओं को 1 महीने में दो बार पीरियड्स आ जाते हैं तो ऐसी स्थिति में आपको यह दवा पीरियड्स में नहीं लेनी चाहिए, बाकी दिन ले सकते हैं।

निष्कर्ष

यहां पर हमने आपको अशोकारिष्ट के फायदे और नुकसान बताने के साथ-साथ उससे संबंधित बहुत सारी जानकारियां भी दी हैं। अशोकारिष्ट महिलाओं के लिए एक जबरदस्त टॉनिक है जिसे आप अपनी संबंधित समस्याओं के लिए पी सकते हैं। यहां मैं कहना चाहूंगी अगर आप को कोई भी समस्या नहीं है तो भी आप अशोकारिष्ट का सेवन कर सकते हैं क्योंकि इसमें मौजूद तत्व आपको अंदरूनी तंदुरुस्ती देने के साथ-साथ आपके चेहरे की चमक को बढ़ाते हैं और इसी के साथ साथ हार्मोन संतुलन का काम करते हैं।

हम आशा करते हैं कि इस लेख को पढ़ने के बाद आप अशोकारिष्ट का सेवन अवश्य करेंगे। उसके बाद आपको जो भी प्रभाव अपने में नजर आता है वह हमारे साथ शेयर करना ना भूले क्योंकि आप जो अपने अनुभव कमेंट बॉक्स में शेयर करते हैं, वह सब दूसरे पाठकों के बहुत से प्रश्नों का उत्तर भी बन जाते हैं तो इस तरीके से आप दूसरों की सहायता करते हैं।

FAQ (ज्यादातर पूछे जाने वाले प्रश्न)

FAQ

Q1- क्या अशोकारिष्ट फैलोपियन ट्यूब को खोलने में मदद करता है?

Ans. नहीं, अशोकारिष्ट फैलोपियन ट्यूब को खोलने में कारगर है या नहीं I इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

Q2- क्या अशोकारिष्ट बच्चों के लिए अच्छा है?

Ans- 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए अशोकारिष्ट निषेध है। 5 साल से ऊपर के बच्चों को अशोकारिष्ट दिया जाना चाहिए या नहीं इसके लिए आप सबसे पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लें।

Q3- क्या अशोकारिष्ट रजनोवृति के लिए अच्छा है?

Ans- हां, अशोकारिष्ट में निहित पोषक तत्व, फाइबर और इसके औषधीय गुण इसे रजोनिवृत्ति के लिए उपयोगी साबित करते हैं।

Q4- पीरियड्स में अशोकारिष्ट पीना चाहिए?

Ans- हमने अपने इस लेख में पीरियड्स में अशोकारिष्ट पीना चाहिए या नहीं इसके बारे में विस्तृत रूप से बताया है, कृपया उसे पढ़ें।

Q5- अशोकारिष्ट प्रेगनेंसी में पीना चाहिए या नहीं?

Ans- नहीं, अशोकारिष्ट को प्रेगनेंसी में बिल्कुल भी नहीं पीना चाहिए क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है। प्रेगनेंसी में गर्म तासीर की चीजें खाने के लिए मना किया जाता है।

Q6- स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अशोकारिष्ट पीना चाहिए या नहीं?

Ans- वैसे तो स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अशोकारिष्ट नहीं पीना चाहिए क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है। बच्चे को इससे दस्त लग सकते हैं या उसके पेट में दर्द हो सकता है। अगर फिर भी आपको किसी परिस्थितिवश अशोकारिष्ट पीना पड़ता है तो आप बच्चे को फीड कराने और अशोकारिष्ट के सेवन के बीच में 3 से 4 घंटे का समय अंतराल जरूर रखें।

Q7- बैद्यनाथ अशोकारिष्ट के बारे में बताएं।

Ans- बाजार में आपको बहुत सारे अशोकारिष्ट के ब्रांड मिल जाएंगे जिसमें से बैद्यनाथ अशोकारिष्ट एक है। सभी ब्रांड द्वारा निर्मित अशोकारिष्ट महिलाओं की प्रजनन अंगों को सुदृढ़ करने व मासिक धर्म चक्र में होने वाली समस्याओं के समाधान में मदद करता है। विस्तृत जानकारी के लिए पढ़े पूरा लेख।

अशोकारिष्ट के फायदे के बारे में सभी प्रश्न पढ़ें जिनके बारे में लोग आमतौर पर पूछते हैं

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